एमपी में एक जगह ऐसी भी है जहां बैल दो दिन छुट्टी पर होते हैं

Ganesh Bawiskar

यहां इन्हें बैल देवता कहा जाता है, उनकी खूब मेहमाननवाजी होती है

बैलों के कंधो की जोरदार मालिश होती है, उनका शृंगार किया जाता है

इसके बाद किसान इन्हें सजा-धजाकर श्री राम मंदिर ले जाते हैं

दरअसल, यह बुरहानपुर में मनाए जाने वाले एक पर्व का हिस्सा है

इसे पोला पर्व कहा जाता है. इसमें बैलों को पूरनपोली खिलाई जाती है

 इस पोला पर्व में आवभगत के बाद बैलों की जबरदस्त रेस भी होती है

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