Anshumala
30 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है. पूरे नौ दिन अलग-अलग रंगों का विशेष महत्व है. दुर्गा मां को इन रंगों की साड़ी पहनाई जाती है.
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. इस दिन सफेद रंग का महत्व है और इसी रंग की साड़ी भी पहनाई जाती है.
दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. इस दिन देवी की पूजा लाल रंग की साड़ी में करनी चाहिए.
तीसरे दिन का मुख्य रंग है नीला. इस दिन चंद्रघंटा दूवी को खासतौर से नीले रंग की साड़ी पहनाई जाती है. इन्हें साहस के लिए जाना जाता है.
चौथे दिन पीली साड़ी में देवी कुष्मांडा की पूजा करें. पीला रंग खुशी और चमक का प्रतीक है.
पांचवां दिन स्कंदमाता को समर्पित है. इस दिन का शुभ रंग हरा है. हरा रंग इस दिन की शुभता को दर्शाता है.
देवी कात्यायनी की पूजा छठे दिन की जाती है. इस दिन ग्रे रंग मुख्य है. ये रंग संतुलित भावनाओं की तरफ इशारा करता है.
7वें दिन देवी कालरात्रि को नारंगी रंग की साड़ी में दर्शाया जाता है. ये रंग उत्साह और देवी कालरात्रि निडरता का प्रतीक हैं.
8वें दिन दुर्गा जी के महागौरी स्वरूप की पूजा होती है. इस दिन का शुभ रंग मोर हरा है. इस दिन कन्या पूजन किया जाता है.
9वें दिन यानी नवमी को देवी सिद्धिदात्री को गुलाबी रंग की साड़ी से सजाया जाता है. ये देवी स्त्री, स्नेह आकर्षण का प्रतीक हैं.