चंद्रयान-3: जब रुक जाएंगी करोड़ों धड़कनें! खौफ के आखिरी 15 मिनट
चंद्रयान-3 इतिहास बनाने से अब महज कुछ ही घंटे दूर है.
लंबी यात्रा के बाद चंद्रयान-3 का लैंडर चांद की सतह पर आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर उतरेगा.
लेकिन इसकी सबसे अहम प्रक्रिया अब लैंडिंग ही है, जो बहुत नाज़ुक और जटिल है.
इसमें सबसे अहम अंतिम 15 मिनट होते हैं, चंद्रयान-2 के दौरान भी यही 15 मिनट अहम साबित हुए थे.
उस समय ISRO के अध्यक्ष रहे के. सिवन ने मिशन की नाकामी को 15 मिनट का आतंक बताया था.
2019 में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा की सतह पर 2.1 किमी की ऊंचाई तक पहुंच गया था.
यहां तक तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन इसके बाद एक छोटी सी तकनीकी गड़बड़ी के कारण लैंडर मॉड्यूल क्रैश हो गया.
लैंडिंग के उन आखिरी 15 मिनट में लैंडर की स्पीड को कंट्रोल कर पाना ही सबसे अहम और चुनौती भरा काम है.
लैंडिंग के बाद यह मिशन 14 दिनों तक काम करेगा और चांद से तमाम जानकारियां जुटाकर धरती तक भेजेगा.
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