कब, कैसे और क्यों फटते हैं बादल?
बारिश के मौसम में कई बार बादल राहत लाते हैं तो कई बार कहर बरपाते हैं.
मॉनसून आते ही बादल फटने की घटनाएं भी सुर्खियों में आ जाती हैं.
कई बार बादल फटने की घटना से जान-माल का भारी नुकसान भी होता है.
किसी भी जगह पर 1 घंटे में 10 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश होती है तो इसे बादल का फटना कहते हैं.
किसी भी जगह पर 1 घंटे में 10 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश होती है तो इसे बादल का फटना कहते हैं.
वैज्ञानिक भाषा में इसे 'क्लाउडबर्स्ट' या 'फ्लैश फ्लड' भी कहा जाता है.
'अचानक, बहुत भारी बारिश होना' ही बादल फटना है.
जब भारी मात्रा में नमी वाले बादल एक जगह इक्कठा हो जाते हैं तब ऐसी घटना होती है.
सामान्य तौर पर धरती की सतह से 12-15 किलोमीटर की ऊंचाई पर बादल फटने की घटना होती है.
बादल फटने से अचानक बाढ़ आ सकती है, जिससे इमारतों, घरों, सड़कों और अन्य संपत्ति का नुकसान हो सकता है.
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