शिव की इस तरह करें आराधना, मिलेगा मनचाहा वर
हिंदू पंचांग के अनुसार मासिक शिवरात्रि प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और चतुर्दशी तिथि के योग पर मनाई जाती है.
इस शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा के साथ-साथ शिवलिंग पर जलाभिषेक-रुद्राभिषेक किया जाता है.
भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा-आराधना करने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
इस दिन बड़ी संख्या में कुंवारी कन्याएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं.
माना जाता है सावन की शिवरात्रि का व्रत जो भी कुंवारी कन्या करती है, उसको अच्छे वर की प्राप्ति होती है.
श्रावण मास की त्रयोदशी तिथि और चतुर्दशी तिथि का योग 15 जुलाई को रात 08:32 बजे से 16 जुलाई को रात 10:08 बजे तक रहेगा.
साथ ही सावन की शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 16 जुलाई रात्रि 12:07 से 12:48 बजे तक रहेगा.
41 मिनट के इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा से करने से विशेष कृपा बनी रहेगी.
वैसे तो साल में 12 मासिक शिवरात्रि पड़ती हैं, लेकिन श्रावण मास में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्त्व है.
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