मौली और कुंवारी सूत्र में क्या अंतर है? जानें इसका शाब्दिक अर्थ?

सनातन धर्म में पूजा-पाठ में रक्षा सूत्र, मौली और कुंवारी सूत्र बांधते हैं.

 ऐसा माना जाता है कि मौली बांधने से नकारात्मकता दूर होती है. 

 कुछ स्थानों पर मौली के बजाय सफेद धागा हाथ में बांधा जाता है. 

मौली धागे को कलावा कहते हैं, सफेद धागे को कुंवारी सूत्र कहते है. 

मौली का शाब्दिक अर्थ है ‘सबसे ऊपर’, इसका तात्पर्य सिर से भी है. 

मौली को कलाई में बांधने के कारण इसे कलावा भी कहते हैं. 

मौली कच्चे धागे से बनती है, जिसमें 3 रंग के धागे होते हैं- लाल, पीला और हरा.

 कभी-कभी यह 5 धागों की भी बनती है, जिसमें नीला, सफेद भी होता है. 

3 और 5 का मतलब कभी त्रिदेव के नाम की, तो कभी पंचदेव के नाम की.