स्टील या क्रॉकरी नहीं आज भी यहां पत्तों पर खाते हैं खाना
पुराने दिनों में लोग सूखे पत्तों पर ही खाना खाया करते थे.
कई त्योहार में इन सूखे पत्तों का उपयोग देवी-देवताओं को भोजन करवाने में किया जाता था.
राजस्थान के बीकानेर में आज भी लोग त्योहार और बड़े कार्यक्रम में पत्तों का उपयोग करते हैं.
इन दिनों सावन और अधिक मास के चलते इन सागोन के पत्तों की बड़ी डिमांड रहती है.
दुकानदार श्रीनारायण चांडक ने बताया कि पत्तों से बनी थाली को पातल बोलते है.
यह पत्तें बीकानेर में दक्षिण भारत से आते है.
यह पत्तें पूरी तरह फाइबर से भरपूर होते हैं जिसमे खाना खाने से बीमारियां नहीं होती.
इन पत्तों पर खाना खाने से शरीर की त्वचा चमकने लगती है.
इन पत्तियों में ग्लूकोज का प्राकृतिक रूप होता है जिससे भोजन का स्वाद बढ़ जाता है.
एक बंडल में 20 पैकेट आते हैं और एक पैकेट की कीमत 40रु है.
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