भूल जाएं पुरानी बातें, पितृपक्ष में करें जमकर खरीदारी!
पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से होने जा रही है.
इसका समापन 14 अक्टूबर को सर्प पितृ अमावस के साथ होगा.
पितृ पक्ष में पिंडदान तर्पण और श्रद्धा कर्म किया जाता है.
लोगों का मानना है कि पृष्ठ श्रद्धा के चलते कोई भी शुभ कार्य और खरीदारी नहीं की जाती.
लेकिन यह सब भ्रांतियां हैं जो मनुष्य द्वारा फैलाई जाती है: पंडित कमलेश व्यास.
श्राद्ध पक्ष में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य या खरीदारी पर विराम नहीं होता हैं.
इस पक्ष में खरीदारी करने से धन संपदा से जीवन आगे बढ़ता है.
यदि किसी को तिथि पता नहीं तो वह सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या में श्राद्ध कर सकता है.
श्राद्ध के समय कोई मेहमान आए तो उसे परिवार का सदस्य मानकर खाना खिलाए.
इस तरह पक्षियों को भी स्नेह वह प्रेम से खाना खिलाना चाहिए.
अकाल मृत्यु से मुक्ति दिलाएगा ये पौधा