सरकारी स्कूल से पढ़कर ISRO तक पहुंचे

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इसरो ने भारत के पहले मानवयुक्त स्पेस मिशन का पहला सफल परीक्षण किया. 

सैकड़ों वैज्ञानिकों, इंजीनियरों के साथ UP के योगेश रत्न का भी योगदान है.

वह यूपी के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार बांदा के शिवरामपुर गांव से हैं.

योगेश रत्न सरकारी स्कूल में पढ़े हैं.

इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में पिछले 14 साल से काम कर रहे हैं.

वह वहां के तिरुवनंतपुरम स्थित गुणत्ता आश्वासन विभाग में हैं.

रॉकेट के ठोस प्रणोदक मोटर बनाते और टेस्टिंग करते हैं.

बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी झांसी से बीटेक किया.

ग्रेजुएशन के बाद आईआईटी खड़गपुर से एमटेक किया.

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