12 वर्षों तक दूसरों के लिए काम करते रहने के बाद ग्रेसियस सलढाना को समझ आई कि इतनी मेहनत खुद के लिए की होती तो क्या से क्या हो गए होते
ग्रेसियस सलढाना
सलढाना ने केवल 1 लाख रुपये लगाकर अपना बिजनेस शुरू किया. शुरुआत 1977 में हुई और उस दिन जिस कंपनी की नींव रखी गई, उसका मार्केट कैपिटलाइजेशन आज लगभग 41,000 करोड़ रुपये का है
बिजनेस शुरू किया
ग्रेसियस सलढाना और उनकी कंपनी की सफलता की कहानी काफी दिलचस्प है. आइए जानते से इनकी इस स्टोरी के बारे में विस्तार से
सफलता की कहानी
गोवा के एक छोटे से मगर बेहद सुंदर गांव सलगांव (Saligao) में जन्मे ग्रेसियस सलढाना ने अपने दोनों बच्चों के नाम पर अपनी कंपनी का नाम रखा था
सलगांव
सलढाना के दो बेटे थे. एक का नाम था ग्लेन और दूसरे का नाम मार्क था. कंपनी का नाम है ग्लेनमार्क फार्मा (Glenmark Pharmaceuticals)
कंपनी का नाम
ग्रेसियस सलढाना पर अब न केवल उनका गांव, बल्कि पूरा गोवा गर्व करता है. वह सलगांव के पहले ग्रेजुएट लोगों में से एक थे, जिन्होंने साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की
डिग्री हासिल की
ग्लेनमार्क को शुरू करने के इरादा काफी साफ था कि केवल जेनरिक दवाएं और API का निर्माण हो. API दरअसल, दवा के मुख्य घटक होते हैं, जिसके चलते दवा अपना काम करती है
दवाएं बनाने का सपना
कैंडिड और अस्कोरिल ने न केवल भारतीय बाजार में धूम मचाई, बल्कि अन्य देशों में भी इनकी मांग बढ़ी. गोवा से निकला ग्लेनमार्क 1999 में ग्लोबल हो गया
ग्लोबल होने तक
इसी वर्ष 2024 में कंपनी ने शेयर बाजार में अपना IPO पेश किया. 1760 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन पर कंपनी लिस्ट हुई
शेयर बाजार
2003 में ग्लेनमार्क की इनकम 260 करोड़ रुपये से बढ़कर 2014 में 6010.37 करोड़ रुपये हो गई. यह सेल से ही एक बिलियन डॉलर की कंपनी बन गई
कमाई विदेशों से
2011 में सलढाना गोवा के सबसे अमीर व्यक्ति के तौर पर पहचाने जाते थे. 2012 में ग्रेसियस सलढाना दुनिया को अलविदा कह गए. अब उनका परिवार इस कंपनी को संभाल रहा है