क्या आपने सुना है काले टमाटर का नाम

क्या आपने सुना है काले टमाटर का नाम

अगर आप लीक से हटकर खेती के जरिए मोटी कमाई करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं

यह एक ऐसा बिजनेस है, जो भारत में नया है. इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है

हम बात कर रहे हैं काले टमाटर की खेती (Black Tomato farming) के बारे में

बता दें कि बाजार में लाल टमाटर के बाद काले टमाटर ने भी दस्तक दे दी है. अपनी एक अलग पहचान रखने वाले इस टमाटर को लोग हाथों हाथ ले रहे हैं

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे कैंसर के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा भी यह टमाटर कई बीमारियों से लड़ने में कारगर है

काले टमाटर को अंग्रेजी में इंडिगो रोज़ टोमेटो कहा जाता है.  इसकी शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी

इसकी खेती का श्रेय रे ब्राउन को जाता है. रे ब्राउन ने जेनेटिक म्यूटेशन के जरिए काले टमाटर को तैयार किया था

काले टमाटर की खेती में सफलता के बाद अब भारत में भी काले टमाटर की खेती शुरू हो चुकी है. इसे यूरोप के मार्केट में 'सुपरफूड' कहते हैं

इंडिगो रोज रेड और बैंगनी टमाटर के बीजों को आपस में मिलाकर एक नया बीज तैयार किया गया. जिसमें हाइब्रिड टमाटर पैदा हुआ

इंग्लैंड की तरह भारत की जलवायु भी काले टमाटर के लिए भी बेहतर है. इसकी खेती भी लाल टमाटर की तरह की जाती है

इसके खेती के लिए बेहतर जल निकासी होना बहुत जरूरी है. वहीं जमीन का P.H. मान 6-7 के बीच होना चाहिए

इन पौधों में लाल रंग के टमाटरों के मुकबले काफी देर बाद पैदावार होना शुरू होता है

काले टमाटर में लाल टमाटर के मुकाबले अधिक औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसे लंबे समय तक ताजा रखा जा सकता है

अलग रंग और गुण होने के कारण इसकी कीमत बाजार में लाल टमाटर के मुकाबले अधिक है

यह बाहर से काला और अंदर से लाल होता है. इसको कच्चा खाने में न ज्यादा खट्टा है न ज्यादा मीठा, इसका स्वाद नमकीन जैसा है

काले टमाटर की खेती में करीब उतना ही खर्च आता है. जितना लाल टमाटर की खेती में पैसा लगता है