जहर नहीं, अमृत है भगवान शिव का प्रिय धतूरा!

धतूरा सांस की परेशानियों को दूर करता है.

जिसके कारण यह अस्थमा के इलाज में असरदार होता है.

धतूरा के इस्तेमाल से खांसी कम आती है.

भगवान शिव का श्रंगार बहुत ही रहस्यमयी और अलग है. 

उसमें नाग, भस्म, जहरीले और जंगली फूल और पत्ते शामिल हैं.

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ऐसा श्रंगार बताता है कि भगवान शिव उन सभी को भी अपनाते हैं.

समुद्र मंथन का विष पीने के बाद शिवजी को भांग और धतूरा प्रिय है. 

जो भक्त शिव जी को भांग और धतूरा अर्पित करता है.

शिव जी उस पर प्रसन्न होते हैं.