रात को यहां आते हैं भूत! जानें वजह

गया को मोक्षधाम कहा जाता है, क्योंकि यहां पितरों को मोक्ष के साथ-साथ मुक्ति मिलती है.

पितृपक्ष में अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए काफी संख्या में पिंडदानी देश-विदेश से यहां आते हैं.

इस दौरान एक, तीन, पांच, सात, 15 और 17 दिनों तक 54 वेदियों पर पिंडदान कर पितरों के लिए मोक्ष की कामना करते हैं.

इस क्रम में पितृपक्ष के तीसरे दिन प्रेतशिला पिंडवेदी पर कर्मकांड करते हैं.

ऐसी मान्यता है कि प्रेतिशिला पर्वत पर पिंडदान करने से अकाल मृत्यु को प्राप्त पूर्वजों तक सीधे पिंड पहुंच जाता है.

प्रेतशिला को भूतों का पहाड़ कहा जाता है.

इस स्थान पर लोग समय से पहले मरने वाले व्यक्ति की फोटो रखते हैं और उनके नाम पर एक पिंड दान करते हैं.

कहा जाता है कि इस पहाड़ पर आज भी भूतों का वास है जो रात के 12 बजे के बाद यहां आते हैं.

ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान प्रेतश‍िला के छिद्रों और दरारों से प्रेतात्‍माएं बाहर निकलती हैं.

गया स्थित 54 पिंड वेदी की सभी वेदियों पर तिल, गुड़, जौ आदि से पिंड दिया जाता है.