सनातन धर्म में परिक्रमा का विशेष महत्व बताया गया है.
देवी-देवता की तरह ग्रहों की भी परिक्रमा की जाती है.
हर एक ग्रह की अलग-अलग परिक्रमा का विधान है.
इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
सूर्य देव की 11, चंद्र देव की 5 बार परिक्रमा लगानी चाहिए.
मंगल देव की 12, बुध देव की पूजा के बाद 6 परिक्रमा लगाएं.
बृहस्पति की 4, शुक्र देव की 3 परिक्रमा लगाना चाहिए.
शनि देव की 11 परिक्रमा लगाएं, इससे मानसिक शांति मिलती है.
राहु दोष निवारण के लिए 4, केतु के लिए 2 परिक्रमा लगानी चाहिए.