नेवी में कैसे बनते हैं मार्कोस कमांडो, कितनी है सैलरी?
मार्कोस कमांडो फोर्स भारतीय नौसेना की स्पेशल यूनिट है.
मार्कोस, आर्मी के पैरा SF व एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो जैसी स्पेशल फोर्स है.
मार्कोस कमांडो पानी, जमीन और हवा में भी लड़ने में माहिर होते हैं.
मार्कोस कमांडो का गठन साल 1987 में अमेरिकी नेवी सील की तर्ज पर हुआ था.
मार्कोस कमांडो बनने के लिए सबसे पहले नौसेना ज्वाइन करनी होती है.
मार्कोस यानी मरीन कमांडो फोर्स में 20 साल से कम उम्र के जवानों की भर्ती होती है.
मार्कोस कमांडो की ट्रेनिंग बेहद कठिन होती है, 10 हजार में से एक ही जवान बन पाता है.
मार्कोस कमांडो फोर्स का आदर्श वाक्य “द फ्यू द फियरलेस” है.
मार्कोस को सैलरी नेवी की रैंक के अनुसार मिलती है, लेकिन कई स्पेशल भत्ते भी मिलते हैं.
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