हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही शुभ माना गया है. इसका संबंध भगवान शिव से है
रुद्राक्ष को शिव की पूजा में महत्वपूर्ण समझा जाता है. माना जाता है कि इसे धारण करने से दुख दूर होते हैं
कई लोग रुद्राक्ष को गले में धारण करते हैं. लेकिन यह असली है या नकली इसकी पहचान करना भी जरूरी है. इसके लिए आप कुछ तरीके अपना सकते हैं
रुद्राक्ष को आप सरसों के तेल में डुबा कर भी चेक कर सकते हैं, अगर इसका रंग गहरा हो जाता है, तो यह असली रुद्राक्ष माना जाता है
रुद्राक्ष को आप पानी में डालकर भी चेक कर सकते हैं. अगर रुद्राक्ष पानी में तैरने लगता है, तो यह यह नकली नहीं होगा, क्योंकि नकली रुद्राक्ष पानी में डुब जाता है
असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष के एक साइड सुई को डालें. अगर इसके दूसरे साइड से फाइबर निकलते हैं, तो यह असली है
रुद्राक्ष को गर्म पानी में डाल दें. यदि गर्म पानी में डालने से रुद्राक्ष का रंग बदल जाता है तो वह रुद्राक्ष नकली है
असली रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से छेद होता है जबकि नकली रुद्राक्ष में छेद बनाया जाता है
भारत में रुद्राक्ष के कुल 33 प्रजातियां पाई जाती है. बाजार में बिकने वाली तीन मुखी और सात मुखी से अधिक वाली रुद्राक्ष सामान्यत: नकली होते हैं
चार मुखी, पांच मुखी और छह मुखी रुद्राक्ष ज्यादातर असली होते हैं. लेकिन एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे अच्छा माना जाता है