हैमरहेड शार्क बहुत ठंडे पानी में नहीं पाई जाती हैं.
उनके शारीरिक तापमान का तात्कालिक वावातरण से नियंत्रित होता है.
फिर भी इन्हें शिकार करने के लिए गहरे समुद्र में जाते हुए देखा जाता है.
इसके लिए गहरे समुद्र में शिकार करते समय वे सांस रोके रखती हैं.
गहरे समुद्र में गोता लगाने वाले जानवरों में ऐसी काबिलियत होती है.
हैमरहेड शार्क शिकार करने के लिए बार बार 800 मीटर से भी ज्यादा गहराई में जाती हैं.
लेकिन यहां के ठंडे पानी में वे अपना तापमान गर्म रखने के लिए खास तरीका अपनाती हैं.
गोता लगाते समय में वे सांस रोक कर अपने मुंह और गिल मजबूती से बंद कर लेती हैं.
इससे वे बहुत ही चतुराई से सटीक शिकार कर पाती हैं.