by Roopali Sharma | NOV 04, 2024
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अगर आपने बड़ा रिफंड पाने के लालच में ऐसे लोगों से अपना ITR दाखिल कराए हैं, जो प्रोफेशनल नहीं हैं तो आप पर शामत आने वाली है
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बीते कुछ वर्षों में कई राज्यों में कर्मचारियों द्वारा फर्जी दान की रसीद, खर्च आदि अपने रिटर्न में दिखाकर रिफंड हासिल करने के मामले पकड़ में आए हैं
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टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, अधिकतर टैक्सपेयर्स नॉन-प्रोफेशनल से रिटर्न दाखिल करवा रहे हैं. ये लोग अधिक रिफंड दिलाने का लालच देकर करदाताओं को फंसा रहे हैं
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन Taxpayers की बारीकी से जांच शुरू कर दी है, जिनके रिटर्न पिछले 9 वर्षों में अधिक रिफंड के दायरे में आए थे
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जानकारों का कहना है कि आयकर विभाग के पास अधिकार है कि यदि किसी करदाता द्वारा किया गया रिफंड दावा गलत पाया जाता है तो वह चार वर्षों के रिफंड की वसूली कर सकता है
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अगर ITR स्थिति से पता चलता है कि रिफंड दावा खारिज हो गया है तो Taxpayer Refund दोवारा जारी करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं
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जिस बैंक खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना है, उस बैंक खाते को प्री-वैलिडेट कराना जरूरी है. यदि आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट नहीं होगा तो रिफंड रुक सकता है
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अगर किसी स्थिति में क्लेम पेंडिंग है तो ई-फाइलिंग पोर्टल या अधिकारी से संपर्क कर इसके शीघ्र निपटारे के लिए अनुरोध कर सकते हैं
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आप आयकर विभाग की हेल्पलाइन 1800-103-4455 पर कॉल करके या उन्हें ask@incometax.gov.in पर ईमेल करके उनसे संपर्क कर सकते हैं
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टैक्सपेयर्स नॉन-प्रोफेशनल से रिटर्न में ये लोग आपको अधिक रिटर्न का लालच देंगे जो आपको किसी भी तरह के धोखाधड़ी में फंसा सकते हैं