जमीन के नीचे कैसे बनते हैं हीरे?

बहुत कम लोग जानते हैं कि हीरे का निर्माण कहां और कैसे होता है.

ज्यादातर यही माना जाता है कि हीरे कोयले की खदानों में उच्च दबाव से बनते हैं.

हीरे के प्राकृतिक रूप से बनने की कहानी वास्तव में कुछ अलग और ज्यादा दिलचस्प है.

ज्यादातर हीरे महाद्वीपों के पुराने, मोटे हिस्सों की 150 से 200 किलोमीटर गहराई से आते हैं.

ये ज्वालामुखी उत्सर्जन से पृथ्वी की सतह पर किंबरलाइट जैसी चट्टानों में जम जाते हैं.

अधिकांश हीरे पृथ्वी की मेंटल परत में मौजूद कार्बन युक्त द्रव्य में विकसित होते हैं.

मेंटल चट्टानों की दरारें के जरिए ऊपर आते हुए मैग्मा के कार्बन का क्रिस्टलीकरण होता है.

इससे द्रव्य ठोस में बदल कर अंततः हीरे में बदल जाता है

हीरे के अंदर के खनिजों में रेडियो आइसोटोप उसकी उम्र की भी जानकारी देते हैं.

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