Chandrayaan-3: कुछ ऐसा है चांद तक भारत का सफर
ISRO ने अपना तीसरा मून मिशन चंद्रयान -3 शुक्रवार को लॉन्च कर दिया.
ISRO की स्थापना 15 अगस्त 1969 में हुई और इसके साथ ही भारत की अंतरिक्ष यात्रा शुरू हुई.
साइकिल और बैलगाड़ी से शुरू हुई हमारी अंतरिक्ष यात्रा आज मंगल और चांद तक पहुंच गई है.
चंद्रयान -1 भारत का पहला चांद पर जाने का मिशन था. यह 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था.
उपग्रह ने चंद्रमा के चारों ओर 3000 से अधिक परिक्रमाएं कीं, ऑर्बिटर ने चंद्रमा पर पानी की खोज की.
उपग्रह ने चंद्रमा के चारों ओर 3000 से अधिक परिक्रमाएं कीं, ऑर्बिटर ने चंद्रमा पर पानी की खोज की.
चंद्रयान -2 को 978 करोड़ रुपये की लागत से 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया.
चंद्रयान -2 को 978 करोड़ रुपये की लागत से 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया.
चंद्रयान 2 अंतरिक्ष यान में एक ऑर्बिटर, एक लैंडर (विक्रम) और एक रोवर (प्रज्ञान) था.
दुर्भाग्य से, लैंडर को कठिन लैंडिंग का अनुभव हुआ और रोवर नष्ट हो गया.
दुर्भाग्य से, लैंडर को कठिन लैंडिंग का अनुभव हुआ और रोवर नष्ट हो गया.
ऑर्बिटर सफलतापूर्वक वांछित कक्षा में स्थापित हो गया और इसका उपयोग चंद्रयान-3 द्वारा किया जाएगा.
ऑर्बिटर सफलतापूर्वक वांछित कक्षा में स्थापित हो गया और इसका उपयोग चंद्रयान-3 द्वारा किया जाएगा.
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