बच्चे घर पर पढ़ रहे हैं या नहीं...16 KM दूर जाकर चेक करता है ये टीचर

शिक्षा से ज्ञान की प्राप्ति के लिए हर व्यक्ति के जीवन में गुरु की एक अहम भूमिका होती है. 

शिक्षक यानी गुरु का दर्जा शास्त्रों में भी भगवान से ऊपर बताया गया है. 

आज के दौर में भी कई ऐसे शिक्षक हैं, जो अपने छात्रों के लिए देवतुल्य हैं. 

ऐसे ही एक शिक्षक हैं राजस्थान के करौली निवासी शांतनु पाराशर. 

पाराशर गांव के सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाकर, रात को यह भी देखते हैं. कि बच्चे घर पर पढ़ रहे हैं या नहीं. 

सरकारी शिक्षक रहते हुए भी अपना कर्तव्य बखूबी कुछ इस तरह से निभा रहे हैं. 

राजकीय स्कूल के शिक्षक शांतनु पाराशर अब तक 35 बच्चों को गोद भी ले चुके हैं. 

कमजोर बच्चों को गोद लेने के बाद वह उनको शिक्षण सामग्री के साथ सारी जरूरत के सामान उपलब्ध कराते हैं. 

शांतनु पाराशर का कहना है कि विद्यालय में वैसे सभी अध्यापक अच्छे से अच्छा पढ़ाते हैं.