गांधी जी ने गिनवाए थे ये '7 सामाजिक पाप'

गांधी जी ने लोगों के लिए ‘7 सामाजिक पाप’ गिनवाए थे.

जो आज भी हम सभी के लिए उतनी ही प्रासंगिक हैं.

सिद्धांत के बिना राजनीति : नैतिक सिद्धांतों के बिना राजनीतिक सत्ता को हासिल करना .

त्याग के बिना धर्म: बिना किसी त्याग या दूसरों की मदद किए धार्मिक विश्वासों को छल रूप में आगे बढ़ाना.

MORE  NEWS...

दिल्ली में इडली-डोसा के लिए यहां लगती है लंबी लाइन, स्वाद ऐसा कि भूल ना पाएंगे

केवल 4 महीने मिलती है ये सब्जी, सरदर्द से लेकर टेंशन तक कर देगी छू

मानवीयता के बिना विज्ञान: बुरे प्रभाव पर विचार किए बिना ही अत्याधुनिक खोज करना .

नैतिकता के बिना व्यापार: नैतिक सिद्धांतों पर विचार किए बिना लाभ की खोज करना.

चरित्र के बिना ज्ञान: बिना चरित्र के ज्ञान का होना भी अहितकारी सिद्ध हो सकता है.

कर्म के बिना धन: श्रम किए बिना धन का संचय करना.

विवेक के बिना आनंद: दूसरों पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार किए बिना आनंद की खोज करना.