माथे पर तिलक के साथ क्यों लगाए जाते हैं चावल?
- Deepika Sharma
सनातन धर्म में माथे पर तिलक के साथ हमेशा चावल लगाया जाता है. अक्षत के साथ तिलक लगाना हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है.
तिलक कई सामग्रियों से लगाया जाता है जैसे कुमकुम, चंदन, हल्दी या फिर भस्म. लेकिन तिलक के साथ चावल जरूर लगाया जाता है.
ऐसी मान्यता है कि तिलक के साथ अक्षत लगाने से तिलक को पूर्ण माना जाता है. अक्षत यानी पूरा चावल, टूटा हुआ नहीं.
तिलक आपके पूरे शरीर के सातों ऊर्जा केंद्रो को कंट्रोल करता है. माथे के बीच में गुरू का स्थान होता है और तिलक लगाने से गुरू मजबूत होता है.
तिलक में चावल लगाना हमारे जीवन के सभी ग्रहों को संतुलित करने में मदद करता है.
तिलक पर चावल का प्रयोग उन दिव्य प्रभावों को बढ़ाता है, जो ग्रहों की गति की वजह से संचालित होते हैं.
माथे पर तिलक के साथ चावल के कुछ दाने लगाने से आपको सम्पन्नता का आशीर्वाद मिलता है.
ज्योतिष के अनुसार अक्षत का अर्थ होता है जिसका कभी नाश न हो. इसी वजह से इसका संबंध धन से होता है.
इससे जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती. माथे पर तिलक के साथ अक्षत लगाने से भाग्योदय होता है.
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