खाज- खुजली के लिए रामबाण है ये औषधीय पौधा

हमारे आस पास पाए जाने वाला यह पौधा आयुर्वेद में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. 

इसका वैज्ञानिक नाम मदार है.

लेकिन दमोह जिले के ग्रामीण इलाकों में इसे अकौआ के नाम से जानते हैं. 

जिसके फूल सफेद और हल्के बैगनी रंग के होते हैं.

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जिसका उपयोग सिर व कान दर्द में होता है. 

इसके दूध को सिर पर लगाने से माइग्रेन में फायदा मिलता है. 

आक के पत्तों का रस कान में डालने से कान से संबंधित रोग दूर हो जाती हैं.

आक के पत्ते से चेहरे पर मौजूद काले धब्बे और झुर्रियों को दूर हो जाती हैं.

खाज, खुजली वाले स्थान पर लगाने से रोग से छुटकारा मिल जाता है.