एक साथ रख सकते हैं प्रदोष और एकादशी व्रत? जानें

हिंदू धर्म में व्रत-त्योहारों को काफी महत्ता दी गई है, इन्हीं में एकादशी और प्रदोष व्रत भी शामिल हैं.

इस बार 27 अगस्त को पुत्रदा एकादशी, तो 28 अगस्त को प्रदोष व्रत पड़ रहा है.

बैद्यनाथ धाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी बाबा प्रमोद श्रृंगारी  ने बताया कि इन व्रतों से सारे कष्टों का निवारण होता है.

पुत्रदा एकादशी का व्रत एकादशी के दिन और प्रदोष व्रत त्रयोदशी के दिन रखा जाता है.

सभी व्रत में पुत्रदा एकादशी के व्रत को ऊपर माना गया है, इस व्रत से पुत्र की कामना पूर्ण होती है.

वहीं, एकादशी का व्रत का फल तभी मिलता है जब द्वादशी को इसका पारणा किया जाता है.

जबकि प्रदोष व्रत में प्रधानता व्रत की नहीं बल्कि पूजा की होती है, इसलिए 27 अगस्त को ही व्रत करें.

एक साथ दो व्रत नहीं किए जा सकते हैं.

पुत्रदा एकादशी 26 अगस्त की रात 12 बजकर 37 मिनट से शुरू हो रही है.

इसका समापन अगले दिन 27 अगस्त की रात 10 बजकर 22 मिनट पर होगा.

सावन के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 अगस्त को पड़ रही है और सावन की आखिरी सोमवारी भी इसी दिन है.

पूजा करने का शुभ मुहूर्त 28 अगस्त को शाम 06 बजकर 48 मिनट से रात्री 09 बजे तक है.