पितृ पक्ष की मातृ नवमी का विशेष महत्व, जानें श्राद्ध विधि
पितृपक्ष में केवल पितरों का नहीं, बल्कि माता का भी श्राद्ध किया जाता है.
पितृपक्ष में नवमी को आने वाले श्राद्ध को मातृ नवमी होती हैं.
इस दिन दिवंगत सुहागिन माताओं के नाम से पिंडदान किया जाता है.
इसे नौमी श्राद्ध या सधवा श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है.
मातृ नवमी 7 अक्टूबर को है.
घर के आंगन पर बैठकर हाथ में जल,अक्षत, तिल से पितरों का तर्पण करें.
श्राद्ध कर्म में खीर, पूरी, सब्जी व जो उनको पसंद था वो बनाएं.
अग्नि में 3 घी,3 शक्कर,1 धूप की आहुती दें.
मातृ नवमी के दिन भूलकर भी किसी महिला का अपमान न करें.
इस मंदिर में नारियल बांधने से पूरी होती है हर मनोकामना!