यहां दूल्हा नहीं दुल्हन लेकर जाती है बारात
झारखंड के आदिवासी हो समाज में विवाह का तरीका अलग होता है.
इस समाज में चार तरीकों से विवाह करने की परंपरा है.
इसमें सबसे अनूठी परंपरा बारात ले जाने की होती है.
आम शादियों में तो बारात दूल्हे ले जाते हैं.
लेकिन हो आदिवासियों में दूल्हे की जगह बारात दुल्हन ले जाती है.
दुल्हन पूरे तामझाम के साथ बारात लेकर दुल्हे के यहां जाती है.
सबसे खास बात यह है कि इन शादियों में दहेज का बिल्कुल भी लेन-देन नहीं होता है.
बल्कि दूल्हा पक्ष ही दुल्हन के परिवार वालों को एक जोड़ा बैल, गाय और नकद राशि देता है.
पारंपरिक रिवाजों के साथ शादी की सभी रस्में पूरी की जाती है.