उत्तराखंड जाएं तो पहाड़ी ककड़ी जरूर खाएं
पहाड़ी ककड़ी का उत्पादन पर्वतीय क्षेत्रों में काफी होता है.
यहां के लोग पीसे हुए नमक के साथ इसका स्वाद लेते हैं.
कुमाऊंनी राइता भी इसी ककड़ी से बनता है.
पहाड़ी ककड़ी की कीमत मैदानी क्षेत्रों में उगाए जाने वाले खीरे से अधिक होती है.
उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में पहाड़ी ककड़ी का उत्पादन है.
बाज़ार में इसकी कीमत अभी 80 रुपये प्रति किलो है.
एक सामान्य ककड़ी का वजन एक किलो से ऊपर होता है.
पहाड़ी ककड़ी में प्राकृतिक मिनरल्स और विटामिन्स प्रचूर मात्रा में होते हैं.
ककड़ी का उपयोग खाने में सलाद और रायते में किया जाता है.
झारखंड के इस गांव में इंसानों से 10 गुना ज्यादा है बकरीयां
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