इस दौरान भूल कर भी न करें पिंड दान

पितृपक्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से शुरू होता है.

ये 15 दिनों का समय पितरों को समर्पित होता है.

पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध से पितरों को शांति मिलती है.

पंचक के दौरान पिंडदान और तर्पण करना वर्जित होता है.

इस वर्ष पंचक 16 से 20 सितंबर तक रहेगा.

17 से 20 सितंबर तक श्राद्ध कर्म नहीं किए जा सकते.

यदि पिंडदान की तिथि पंचक में हो,

तो भाद्रपद अमावस्या को श्राद्ध किया जा सकता है.

तर्पण के दौरान तिल और जल से सूर्य को अर्पण किया जाता है.