बिना कौवा, कैसे मनेगा पितृपक्ष?

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के समय का खास महत्व माना जाता है.

पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों को पिंडदान करते हैं.

पितृपक्ष के दौरान कौए को भोजन कराने से पुरखे संतुष्ट होते हैं.

लेकिन आज के समय में शहरों से कौवा पूरी तरह से गायब होते दिख रहे हैं.

ऐसे में जब पितृपक्ष की शुरुआत शुक्रवार से हो गई है तो कौवों की तलाश भी शुरू हो गई है.

शहरवासियों के लिए बिन कौवा पितृपक्ष मनाना एक बड़ी समस्या है.

अगर कौवा नहीं मिल पाए, तो उसकी जगह हम गाय को भोजन करा सकते हैं.

सनातन धर्म में गाय का बड़ा महत्व है और गाय में सभी देवी देवताओं का निवास होता हैं.

गाय को भोजन कराने से भी पितरों का उद्धार हो जाता हैं.

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