जलवायु परिवर्तन का जो डर करीब दो दशक पहले जताया गया था, वह अब हकीकत बनता जा रहा है. इसका असर खेती पर भी साफ दिखाई दे रहा है
जलवायु परिवर्तन
क्या आप जानते हैं कि इस ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए ग्रीन हाउसेज गैसेज को सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना गया है. ग्रीन हाउस गैसेज को कम करने के लिए दुनिया के कई देशों में कार्बन क्रेडिट जैसी स्कीम चलाई जा रही है
ग्रीन हाउसेज गैसेज
इसी स्कीम को भारत में भी लॉन्च किया जा चुका है. अब इसी स्कीम के तहत उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के किसानों को फायदा मिलेगा
स्कीम के तहत
पूर्वांचल के किसानों को 'कॉर्बन सोखो और पैसा कमाओ योजना' का फायदा मिल सकेगा. योजना दूसरे चरण के तहत वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के जिलों में जल्द ही लॉन्च की जाएगी
जल्द ही लॉन्च
योजना के तहत पेड़ों का सर्वे कराया जाएगा और फिर इसके बाद किसानों के अकाउंट में रकम भेजी जाएगी. किसानों को प्रति पेड़ हर साल 250 रुपये से 350 रुपये तक मिलेंगे
पेड़ों का सर्वे
ऐसा नहीं है कि यह योजना नई है, बल्कि वर्ष 2023 में इस योजना को पहले चरण में प्रदेश के मेरठ, गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडलों में शुरू किया गया था
योजना का पहला चरण
अब तक 25140 किसानों को 202 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया जा चुका है. योजना के दूसरे चरण में सात मंडल का चयन किया गया है
योजना का दूसरा चरण
तेजी से बढ़ने वाले पेड़ जैसे यूकेलिप्टस, पॉपुलर, शीशम, नीम जैसे पेड़ों पर किसानों को रकम दी जाएगी. हर पेड़ पर कार्बन क्रेडिट के हिसाब से रकम मिलेगी
कार्बन के हिसाब से
एक साइंटिफिक फॉर्मूले के आधार पर पेड़ की कार्बन सोखने की क्षमता तय की जाएगी. उसी के अनुसार अकाउंट में पैसे भेजे जाएंगे. वन विभाग अधिकारी के अनुसार पेड़ के काटे न जाने तक भुगतान किया जाएगा