वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज को कई लोग मानते हैं.
बहुत से लोग उनकी बातें सुनना और मानना पसंद करते हैं.
ऐसे में प्रेमानंद महाराज ने भंडारा खाने पर भी सीख दी है.
प्रेमानंद महाराज के अनुसार यदि आप सक्षम हैं, तो भंडारे में भोजन न करें.
भंडारा जरूरतमंदों के लिए होता है, इसे उन्हीं को समर्पित करना चाहिए.
उन्होंने बताया कि, भंडारे में भोजन करने के बजाय, भंडारा आयोजित करने की सोचना चाहिए.
तीर्थ स्थानों पर भंडारे का अन्न ग्रहण करने से बचना चाहिए.
भक्ति के साथ सेवा का संकल्प लें, जरूरतमंदों को भोजन कराना पुण्य का कार्य है.