बाबुमोशाय जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं.
जब तक जिंदा हूं तब तक मरा नहीं, जब मर गया साला मैं ही नहीं.
हम आने वाले गम को खींचतान कर आज की खुशी पे ले आते हैं.
मानता हूं कि जिंदगी की ताकत मौत से ज्यादा बड़ी है... लेकिन यह जिंदगी क्या मौत से बत्तर नहीं.
आनंद मरा नहीं, आनंद मरता नहीं.
ये भी तो नहीं कह सकता मेरी उमर तुझे लग जाए.
कब कौन कैसे उठेगा... यह कोई नहीं बता सकता.
मौत तो एक पल है. बाबुमोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ है...उसे ना तो आप बदल सकते हो ना मैं.
हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं, जिनकी डोर ऊपरवाले की उंगलियों से बंधी है.