'रत्ती भर भी शर्म नहीं', क्या है इस मुहावरे का अर्थ? आइए जानें
हम जीवन में कई बार उपयोग करते हैं, इस मुहावरे को.
कई लोग इसका अर्थ “जरा सी भी” समझते हैं.
रत्ती एक शब्द ही नहीं, बल्कि एक पौधा भी होता है.
इस पौधे के फल में मटर जैसी फली में दाने होते हैं.
रत्ती के दाने काले और लाल रंग के होते हैं.
यह पौधा ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है.
रत्ती के पौधे को आम भाषा में ‘गूंजा‘ कहा जाता है.
पहले इसका उपयोग सोने और चांदी को तौलने में किया जाता था.
बीज के अनुसार 5 रत्ती या 9 रत्ती नाम दे दिया जाता था.
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