घेवर बेच कमा डाले लाखों

त्योहार आते ही बाजार में मिठाइयों की दुकानों पर तरह-तरह की मिठाइयां सजने लगते हैं.

हरियाली तीज का पर्व नजदीक है. यह त्योहार महिलाओं के लिए विशेष माना जाता है. 

हरियाली तीज पर घेवर का प्रचलन पुराना है. हर क्षेत्र में घेवर बनाने के अलग-अलग तरीके होते हैं. 

कोई मीठी चाशनी में घेवर बनता है तो कोई दूध से तो कोई मेवे से बनाता है.

सीकर के दांतारामगढ़ इलाके में हलवाई बिहारी लाल सैनी हरियाली तीज पर विशेष प्रकार के घेवर बनाते हैं. 

वह तीज के समय में घेवर बनाकर एक बार में ही लाखों रुपए कमा रहे हैं. 

बिहारी लाल अब तक 20 दिन में ही 2 लाख रुपये के घेवर बेच चुके हैं. 

इस समय सबसे ज्यादा दूध के घेवर बिकते हैं. यह घेवर सस्ते और खाने में स्वादिष्ट होते हैं. 

इस कारण लोग ज्यादातर दूध के घेवर को पसंद करते हैं.