खतरे में
केदार धाम
Rohit Jha/News
केदारनाथ धाम के
ऊपर मौजूद सुमेरू पर्वत
से 30 जून 2024 को हिमस्खलन हुआ
पिछले साल भी हुआ
था. उसके पिछले साल भी
हर साल ही होता है. लेकिन क्यों?
इस बार आपदा पानी के बजाय पहाड़ से गिरने वाले बर्फ के रूप में न हो
सिर्फ केदारनाथ
घाटी नहीं बल्कि ऐसे
कई इलाके हैं, जो
खतरनाक हैं
सरकार ऊंचाई पर
मौजूद 13 ग्लेशियल झील की स्टडी करवा रही है
उनसे होने वाले
खतरों की तैयारी की
जा सके
टूटने या फटने
पर निचले इलाकों में 2013 जैसी आपदा आ सकती है
उत्तराखंड में ऐसी कई ग्लेशियल लेक्स हैं, जो संवेदनशील हैं
ये झीलें कभी
भी टूट सकती है. या
फट सकती हैं
इनमें से पिथौरागढ़ जिले के
डर्मा, लसारींगघाटी, कुटियांगटी घाटी और चमोली जिले के धौली गंगा बेसिन में मौजूद वसुंधरा ताल हाई रिस्क में है
ये सभी झीलें 0.02
से 0.50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के हैं
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CNBC HINDI