यहां किन्नर निभा रहे ताजिया के रस्म-रिवाज

सागर का किन्नर समाज सर्व धर्म समभाव की  भावना रखता हैं.

हिंदू धर्म के त्योहारों के साथ-साथ इस्लामिक में आने वाले शहादत के दिनों को भी याद करते है.

सागर में किन्नरों के द्वारा मुहर्रम में ताजिए बनवाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.

इस्लामिक कैलेंडर के हिजरी संवत का पहला महीना शहादत के तौर पर मनाया जाता है.

पहले यह ताजिए कागज के बनते थे, फिर बांस और लकड़ी के बनने लगे.

अब तीन मंजिला ताजिए को थर्माकोल से तैयार करवाया गया है.

इसके साथ ही इसमें बुर्राके भी होते हैं.

ताजिया बाबा साहब को इत्र भी चढ़ाया जाता है. 

यहां पर माथा टेकने वालों की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं.