अररिया का चंदन जो बना लाखों का 'सहारा',
ननिहाल में याद कर रहे लोग
10 जून 1948 को अपने ननिहाल बिहार के अररिया में जन्मे सुब्रत राय सहारा का निधन हो गया.
सुब्रत राय सहारा के निधन से अररिया के लोगों में शोक है. लोग उन्हें याद कर रहे हैं.
अररिया में सुब्रत राय को बचपन में लोग 'चंदन दा' के नाम से जानते थे.
बचपन में सुब्रत राय दुर्गा पूजा के वक्त घूम-घूम कर पंडाल में लोगों को इकट्ठा किया करते थे.
अररिया के एनी दा कहते हैं- सुब्रत राय ने इस बार भी दुर्गा पूजा के लिए चंदा भेजा था.
अररिया शहर के आश्रम रोड स्थित समिति के पास उनका ननिहाल है. हालांकि, अब यहां कोई नहीं रहता.
सुब्रत राय सहारा के परिवार के सभी लोग लंबे अर्से से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रहते हैं.
सुब्रत राय के ननिहाल तक जाने के लिए पहले सड़क नहीं थी, जो बाद के दिनों में उन्होंने बनवाई.
सड़क का नामकरण उनके पिता सुधीर चंद्र राय के नाम पर किया गया. सुधीर चंद्र सिविल इंजीनियर थे.
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