बुढ़ापे में दिखना है जवान, तो ये पोधा है रामबाण 

भारत में बहुत पहले से ही गंभीर बीमारियों में जड़ी बूटियों का उपयोग हो रहा है. 

आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में तुलसी, गिलोय या आंवला का महत्त्व है. 

वहीं एक ऐसा पोधा है जो जंगलों में पाया जाता है, इसका नाम है मकोय. 

आयुर्वेद में इसे काकमाची के नाम से भी जाना जाता है.  

इसके पौधे पर जमुनी और लाल रंग के टमाटर जैसे छोटे-छोटे फल लगते हैं.  

रायबरेली जिले के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ आकांक्षा दीक्षित ने इस पर जानकारी दी है. 

यह वात पित्त और कफ का नाश करने वाली यह औषधि है. 

यह औषधि पौरुष बल बढ़ाने के साथ बुढ़ापे की गति को भी मंद कर देता है. 

इसका इस्तेमाल कुष्ठ और बुखार के उपचार, सांस संबंधी विकारों को दूर करने में होता है.