Parenting का सुपरहिट फॉर्मूला, स्लीप टॉक थेरेपी!

Moneycontrol News March 27, 2024

छोटे बच्चे अपने आसपास जो देखते हैं वही सिखते हैं. ऐसे में कई बार वे कुछ गलत आदतें भी अपना लेते है

जिन्हें सुधारने के लिए मां-बाप डांटने का सहारा लेते हैं. लेकिन इससे बच्चा और ज्यादा बिगड़ सकता है

ऐसे में आप स्लीप टॉक थेरेपी का सहारा ले सकते हैं. आइए जानें इस बारे में-

यह 2 से 12 साल तक के बच्चों के लिए होती है. इसमें पेरेंट्स अपने सोते हुए बच्चों से बात करते हैं. सोने के कुछ समय तक बच्चा आधा सोया और आधा जगा होता है

इस दौरान बच्चे आपकी बातें अच्छी तरह समझते हैं और उस पर रिएक्ट भी करते हैं. इससे उनकी आदतों पर भी अच्छा असर पड़ता है 

जब बच्चे सोते हैं, तो उनका दिमाग एक्टिव रहता है. ऐसे में बिना किसी इंटरफेरेंस के वे आपकी हर बात को अच्छी तरह सुनकर समझते हैं

स्लीप टॉक थेरेपी पर काम करने के लिए सबसे पहले अपने बच्चों पर ध्यान दें. इस बात पर फोकस करें कि उनके व्यवहार में क्या बदलाव करने की जरूरत है

अगर आपका बच्चा चिड़चिड़ा है, जिद करता है या बहस करता है, तो उनकी इन आदतों पर ध्यान दें. साथ ही, उनके डाइट का भी ख्याल रखें

जब आपका बच्चा Half Asleep में सो रहा हो, तब इस थेरेपी को अपनाएं. इस दौरान केवल 5 से 10 मिनट तक ही बातचीत करें

नींद में होने पर अपने बच्चे से धीमी आवाज में प्यार से बात करें और उन्हें अच्छी बातें सिखाएं. ऐसा कम से कम 4 हफ्ते तक रोजाना करें

Sleep Talk Therapy  के दौरान बच्चों से अच्छी बातें करनी चाहिए