मुंबई के वड़ापाव की सबसे दिलचस्प कहानी
मुंबई में वड़ापाव की शुरुआत 1978 में अशोक वैद्य नामक एक शख्स ने की थी.
दादर स्टेशन के बाहर उनका फूड स्टॉल हुआ करता था.
उस समय उन्होंने आलू भाजी और चपाती खाने वालों के सामने एक नई डिश परोसी.
आलू भाजी बनाई और उसे बेसन में लपेट कर उसका वड़ा तैयार किया.
यह वड़ापाव खाकर लोगों को मजा भी आया और उनका पेट भर गया.
यह सस्ते में भरपेट भोजन का एक शानदार विकल्प बन गया.
भागदौड़ भरी जिंदगी में अशोक वैद्य ने कई लोगों को दौड़ते हुए देखा था.
उस दौर में समय और धन की कमी के कारण, लोगों को पेट भर खाना नहीं मिल पाता था.
इसलिए अशोक ने कम पैसे में पेट भरने वाला वड़ापाव का आविष्कार किया.
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