ग्लोबल वार्मिंग को बदतर कर सकते हैं दीमक
दीमक लकड़ी खाने वाले ऐसे कीड़े होते हैं जो घर के फर्नीचर और किताबें तक खा जाते हैं.
लकड़ी खाने वाले ये दीमक गर्म कटिबंधीय पारिस्थितिकी हालात में ज्यादा सक्रिय हो जाते
हैं.
दुनिया में केवल चार प्रतिशत दीमक प्रजातियां ही हानिकारक मानी जाती हैं.
ग्लोबल वार्मिंग दीमकों के लिए अनुकूल तो होती ही है बल्कि उन्हें बढ़ाती
भी है.
लकड़ी को खाते समय में दीमक मिट्टी के जरूरी पोषक तत्वों को रीसाइकल करते हैं.
इस पूरी प्रक्रिया में दीमक के जरिए कार्बन वायुमंडल में वापस पहुंच जाता है.
पाया गया कि दीमक गर्म हालात में लकड़ी ज्यादा तेजी से खाते हैं.
सूक्ष्मजीवों में औसत वार्षिक तापमान 10 डिग्री बढ़ने से विखंडन
की दर दोगुनी हो जाती है.
वहीं दीमकों में तापमान 10 डिग्री बढ़ने से मरी हुई लकड़ी खाने की दर सात गुना बढ़ती है.
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