उल्कापिंड तो बेवजह बदनाम हुआ, डायनासोर का अंत तो ऐसे होना था
डायनासोर का अंत कैसे हुआ, इस पर कई अध्ययन हो चुके हैं.
हर बार की तरह एक नई थ्योरी लोगों को कंफ्यूज कर देती है.
ऐसा ही एक अध्ययन फिर लोगों के सामने आया है.
इसमें बताया गया कि डायनासोर के अंत के संकेत पहले ही दिखने लगे थे.
वैज्ञानिकों का दावा है कि उल्का के टकराव से पहले जलवायु अस्त-व्यस्त हो गई थी.
इस दौरान वायुमंडल में सल्फर की मात्रा नाजुक स्तर तक पहुंच चुकी थी.
ऐसा वातावरण ज्वालामुखी गतिविधियों के कारण पैदा हुआ था.
इस बात की पुष्टि ओस्लो विश्वविद्यालय के भूवैज्ञानिक सारा कैलेगारो और उनकी टीम ने की है.
बता दें कि ये जानकारी शोधकर्ताओं को दक्कन ट्रैप की चट्टानों की पड़ताल से मिली है.
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