सितार की धुन के साथ सोने और जागने वाला एक गांव
संगीत की धुन किसे नहीं पसंद होती है, अगर हर रोज सुबह संगीत की धुन सुनने को मिल जाए तो मजा आ जाता है.
बंगाल में एक ऐसा गांव है जहां लोग सितार की धुन सुनकर सोते हैं और जागते हैं.
यह एक अनोखा और पुराना गांव है जो सितार की धुन के साथ सोता है और उसी के साथ सोता है.
यह अनोखा और पुराना गांव है कोलकाता से लगभग 40 किमी दूर उलुबेरिया में है.
दादपुर गांव में लगभग 250 परिवारों में से अधिकांश सितार, सुरबहार और गिटार बनाते हैं.
श्यामल हलदर के पिता ने लगभग 65 साल पहले इस व्यापार की शुरुआत की थी.
दादपुर की प्रचुर हरियाली, तालाबों और टेढ़ी-मेढ़ी गलियों के बीच लगभग हर दिन सितार की धुन सुनाई देती है.
दादपुर में बनाए गए म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की मांग देश से लेकर विदेश तक में है.
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