मैं तो सवा किलो सोने का जनेऊ पहनता हूं जी
हिंदू धार्मिक पुस्तकों में हम अक्सर सुनते हैं 'एक गरीब ब्राह्मण..'.
राजकोट जिले में रहने वाले गुरुजी विजय जोशी ने इसको गलत साबित किया है.
वडोदरा के मालसर गांव में गजानन आश्रम के गुरुजी सवा किलो सोने की जनेऊ पहनते हैं.
इतना ही नहीं, कमर में पिस्तौल भी रखते है.
उनके आश्रम में नर्मदा की परिक्रमा करने वाले तीर्थयात्रियों को आश्रय और मुफ्त भोजन दिया जाता है.
भारत के अलावा अफ्रीकी देशों में भी उनके कई अनुयायी हैं.
विजयभाई गणपति के उपासक हैं.
राजकोट स्थित उनके घर का नाम विघ्नराज है.
ब्राह्मण कभी गरीब या जरूरतमंद नहीं होता.
ब्राह्मण के पास दूसरों की तुलना में अधिक ज्ञान और शक्ति होती है.
वह सफलता, प्रसिद्धि, धन और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं.
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