‘लोहे के फेफड़े’ से जिंदा है ये शख्स, जीने का नया तरीका किया विकसित

क्या कोई लोहे के फेफड़े से सांस ले सकता है? तो इसका जवाब हां होगा. 

क्‍योंकि, ऐसा करने वाले अमेरिका के पॉल अलेक्जेंडर दुनिया के पहले शख्‍स हैं. 

इन्हें कई दशकों से लोहे के फेफड़े के साथ जीना पड़ रहा है.

पॉल को पोलियो की वजह से लकवा मार गया था और सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी.

इसके बाद 1952 में उन्‍हें आयरन ऑफ लंग मशीन लगाई गई थी.

ये मशीन मरीज के फेफड़ों में ऑक्सीजन भरने का काम करती है.

हालांकि, हमेशा इस मशीन में कैद रहना आसान काम नहीं.

मगर पॉल अलेक्‍जेंडर 70 साल से इसी मशीन के सहारे जिंदा हैं.

पॉल के अंदर गजब का जूनून है, उन्होंने इसी के साथ हायर स्टडीज भी की है.

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