बाप रे! 2.50 लाख रुपये का फल

भारत देश में कई ऐसे पेड़-पौधे है जो अपना औषधीय महत्व रखते हैं.

इन्हीं पेड़ो में से एक है हर्र  जिसे हरितकी के नाम से भी जाना जाता है.

कहा जाता है कि यह मानव के सभी रोगों को हर लेती है इसलिए इसे हर्र या हरीतकी के नाम से जानते है.

आयुर्वेद में इसे मां  का दर्जा दिया गया है.

आयुर्वेद में  इसे अमृता, प्राणदा, कायस्था, विजया, मेध्या आदि नामों से जानते है.

भरतपुर जिले के किसान कृष्णा की भूमि की मेढ पर करीब 300 साल पुराना हर्र का पेड़ है.

इस पेड़ से एक वर्ष में करीब 400 किलों फल का उत्पादन होता है.

इसकी बाजार कीमत 2.50 लाख रुपये  से भी अधिक है.

इस फल को किसान द्वारा जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क  दिया जाता है.

इसका पेड़ आम के समान विशाल आकार को होता है.

यह कफ,मधुमेह,बवासीर,पेट का रोग,अल्सर,गले और हृदय के रोग,पथरी आदि रोगों को दूर करने में मदद करती है.