क्या आप जानते हैं टोमैटो केचप को दवा बनाकर बेचते थे लोग?
1800 में केचप मशरूम और मछली से बनाता था. टमाटर को जहरीली सब्जी माना जाता था.
साल 1834 में डॉ जॉन कुक बेनट ने केचप में टमाटर डालना शुरू किया.
उन्होंने बताया कि टमाटर से डायरिया, कॉलेरा, पीलिया, जैसी बीमारियां ठीक हो सकती हैं.
उन्होंने लोगों को प्रोत्साहित किया कि वो टमाटर को पीसकर सॉस की तरह बना लें.
एलेक्सैंडर माइल्स नाम के एक बिजनेसमैन ने जब दावे को पढ़ा तो बिजनेस करने का सोचा.
उन्होंने जॉन के साथ हाथ मिला लिया और टोमैटे केचप को अपनी दवा बना बेचने लगे.
उसका नाम रख दिया 'एक्सट्रैक्ट ऑफ टोमैटे'. उनकी दवा गोली भी होती थी और सिरप भी.
इस नई शुरुआत ने अमेरिका में तहलका मचा दिया और वहां केचप की खपत बढ़ गई.
जब वैज्ञानिकों ने शोध किया तो पाया कि ये सब महज अफवाह है.
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