क्यों अंतरिम बजट आएगा 1 फरवरी को

क्यों अंतरिम बजट आएगा 1 फरवरी को

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते यह साफ कर दिया कि 1 फरवरी, 2024 को आने वाला बजट सिर्फ वोट-ऑन-अकाउंट होगा

उन्होंने यह भी कहा था कि इसमें इकोनॉमी से जुड़े कोई बड़े ऐलान नहीं होंगे

सवाल है कि सरकार 1 फरवरी, 2024 को क्यों पूर्ण बजट की जगह अंतरिम बजट पेश करने जा रही है

आखिर अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में क्या अंतर है. क्या एक साल में सरकार ही वित्त वर्ष के दो बजट पेश कर सकती है

इस तरह के कई सवाल आपके मन में हो सकते हैं. आइए इनका जवाब जानते हैं

सबसे पहले यह जान लेना ठीक रहेगा कि अंतरिम बजट के जरिए सरकार अगले वित्त वर्ष के शुरुआती कुछ महीनों के लिए अपने खर्च के प्रस्ताव पर संसद की मंजूरी हासिल करती है

इसलिए अंतरिम बजट को वोट-ऑन- अकाउंट यानी लेखानुदान भी कहा जाता है

अंतरिम बजट में आम तौर पर सरकार इनकम टैक्स के नियमों में बदलाव के फैसलों का ऐलान नहीं करती है. सरकार किसी बड़ी स्कीम का भी ऐलान नहीं करती है

 2019 में सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था. तब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था

सरकार अंतरिम बजट लोकसभा चुनाव वाले साल में पेश करती है. अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी

इसकी वजह यह है कि लोकसभा चुनावों में किसी पार्टी या गठबंधन की जीत होगी, यह पता नहीं होता है

 इसलिए नए वित्त वर्ष का पूर्ण बजट पेश करने का काम लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में बनने वाली नई सरकार पर छोड़ दिया जाता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाई थी. इसके बाद 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट पेश किया था

अंतरिम यूनियन बजट और पूर्ण यूनियन बजट में फर्क यह है कि अंतरिम बजट का मकसद सिर्फ अगले वित्त वर्ष के कुछ महीनों के लिए सरकार के खर्च के प्रस्ताव पर संसद की मंजूरी हासिल करना होता है

यह जान लेना भी जरूरी है कि जिस साल लोकसभा चुनाव होने वाले होते हैं, उस साल केंद्र सरकार दो बार यूनियन बजट पेश करती है

इससे पहले 2019 में केंद्र सरकार ने दो बार यूनियन बजट पेश किया था