काशी की ये 'राक्षसी' एक दिन के लिए बन जाती है देवी!
भोले की नगरी काशी को मंदिरों का शहर कहा जाता है.
यहां त्रिजटा नाम की राक्षसी का मंदिर भी है.
इस मंदिर में सिर्फ एक दिन भक्तों की भीड़ होती है.
कार्तिक मास भगवान विष्णु को अति प्रिय है.
कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन त्रिजटा राक्षसी के दर्शन से भक्तों की तपस्या पूरी होती है.
रावण ने माता सीता का हरण कर उन्हें अशोक वाटिका में रखा था.
वहां त्रिजटा नाम की राक्षसी माता सीता की देखभाल करती थी.
माता सीता ने त्रिजटा को काशी में विराजमान होने का वरदान दिया था.
यह खबर मान्यताओं पर आधारित है, न्यूज़18 इसकी पुष्टि नहीं करता.
लखनऊ में जरूर जाएं ये 5 मंदिर
लखनऊ में जरूर जाएं ये 5 मंदिर